दिल्ली में सोमवार, 9 दिसंबर की सुबह एक बार फिर 40 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी भरे ईमेल मिले, जिनमें आरके पुरम के डीपीएस, पश्चिम विहार के जीडी गोयनका स्कूल, और मदर मैरी स्कूल शामिल हैं। ईमेल मिलने के समय बच्चे स्कूल में अपनी कक्षाओं के लिए पहुंच चुके थे। घटना की गंभीरता को समझते हुए तुरंत बच्चों को घर भेजा गया और दिल्ली पुलिस को जानकारी दी गई। फायर डिपार्टमेंट और पुलिस की टीमों ने मौके पर जांच शुरू कर दी।
दिल्ली में ऐसी घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इससे पहले भी रोहिणी के एक प्राइवेट स्कूल को बम की धमकी भरा ईमेल मिला था, जो जांच के बाद अफवाह साबित हुआ। हालांकि, लगातार मिल रही इन धमकियों ने स्कूल प्रशासन, अभिभावकों और बच्चों के मन में डर पैदा कर दिया है।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
हाल के दिनों में दिल्ली में कानून-व्यवस्था को लेकर तीव्र आलोचना हो रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि दिल्ली में इतनी खराब सुरक्षा व्यवस्था पहले कभी नहीं देखी गई। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से इस मामले में जवाब देने की मांग की।
दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करने वाली घटनाएं केवल बम धमकियों तक सीमित नहीं हैं। प्रशांत विहार में हाल ही में हुए कम तीव्रता वाले विस्फोट ने भी शहर में डर का माहौल पैदा कर दिया। सीसीटीवी फुटेज में छोटे ब्लास्ट के बाद धुआं छा जाने के दृश्य ने सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर किया। इसके अलावा, रोहिणी में सीआरपीएफ स्कूल के पास हुआ विस्फोट भी लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा चुका है।
झूठी धमकियां और असली खतरा
दिल्ली के स्कूल, एयरपोर्ट और होटलों को बम की धमकियां मिलने का यह पहला मामला नहीं है। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी हाल ही में ऐसी धमकियां मिलीं, जो जांच के बाद झूठी साबित हुईं। हालांकि, बार-बार मिल रही इन धमकियों के बीच यह समझना मुश्किल है कि कब ये झूठी साबित होंगी और कब वास्तविक खतरा बन जाएंगी।
जांच एजेंसियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन चुकी है कि वे ऐसे मामलों को समय पर सुलझाएं और लोगों में सुरक्षा का विश्वास बनाए रखें।