अगर आप भी किसान हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने किसानों के लिए एक बड़ी राहत देने वाला ऐलान किया है। अब पात्र किसानों को 2 लाख रुपये तक का लोन बिना किसी ब्याज के मिलेगा। इसके अलावा, इस लोन को लेने के लिए किसानों को किसी भी प्रकार की सिक्योरिटी या गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होगी। यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान उठाया गया है, जिससे छोटे और सीमांत किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।
2 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त लोन
RBI के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने हाल ही में अपने बयान में बताया कि “महंगाई और कृषि में उपयोग होने वाले कच्चे माल की लागत में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, गारंटी-फ्री एग्रीकल्चर लोन की सीमा को 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने का निर्णय लिया गया है।” इसका उद्देश्य वित्तीय संस्थानों से कर्ज लेने की प्रक्रिया को और अधिक सुलभ बनाना है, खासकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए।
पहले, भारतीय रिजर्व बैंक ने 2010 में किसानों के लिए बिना गारंटी के लोन की सीमा 1 लाख रुपये निर्धारित की थी। बाद में इसे बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये किया गया था। अब, यह सीमा 40 हजार रुपये और बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है। इसका सीधा फायदा उन किसानों को मिलेगा जो अपने खेतों और अन्य कृषि कार्यों के लिए पूंजी जुटाने में मुश्किल महसूस करते हैं। इस नई नीति से किसानों को बिना किसी गारंटी के लोन मिलेगा, और सबसे बड़ी बात यह है कि यह लोन पूरी तरह से ब्याज मुक्त होगा।
किसान लोन के नए नियम, बढ़ी हुई सीमा का असर
आरबीआई द्वारा किसानों के लिए लोन की सीमा बढ़ाने से न केवल कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा, बल्कि छोटे और सीमांत किसानों के लिए उधारी लेना भी आसान हो जाएगा। यह कदम उन किसानों के लिए खासतौर पर फायदेमंद होगा जो अपनी फसलों की लागत बढ़ने या प्राकृतिक आपदाओं के कारण वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। अब वे बिना किसी चिंता के लोन लेकर अपनी खेती की जरूरतों को पूरा कर सकेंगे।
यह कदम वित्तीय संस्थानों को भी प्रोत्साहित करेगा कि वे अधिक से अधिक किसानों को कर्ज देने की दिशा में काम करें। इसके अलावा, यह कर्ज कृषि क्षेत्र के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि बढ़ती महंगाई और कच्चे माल की लागत ने किसानों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित किया है।
11वीं बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
इसी दौरान, भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया है। यह लगातार 11वीं बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने नकदी प्रवाह को बढ़ाने के लिए सीआरआर (कैश रिजर्व रेश्यो) को 4.5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया है। इस कदम से बैंकों में 1.16 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी, जिसका लाभ अर्थव्यवस्था में नकदी प्रवाह बढ़ाने में मिलेगा।
इस निर्णय का असर बैंकिंग क्षेत्र पर भी पड़ेगा, और बैंकों के पास अतिरिक्त नकदी आने से वे अधिक लोन देने में सक्षम होंगे। इसका सकारात्मक प्रभाव छोटे उद्योगों और किसानों तक पहुंचेगा, जो पहले से ही आर्थिक दबाव में हैं।
आरबीआई का यह निर्णय क्यों महत्वपूर्ण है?
भारतीय रिजर्व बैंक का यह कदम एक महत्वपूर्ण विकास है, खासकर ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों के लिए। कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता का उपलब्ध होना बहुत जरूरी है। भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान महत्वपूर्ण है, और यह निर्णय उस दिशा में एक बड़ा कदम है।
भारत में अधिकांश किसान छोटे और सीमांत होते हैं, जिनके पास बैंकों से लोन लेने के लिए जरूरी संपत्ति नहीं होती। ऐसे में बिना गारंटी और ब्याज मुक्त लोन की पेशकश से उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। इसके अलावा, कृषि कार्यों के लिए लोन मिलने से उत्पादन बढ़ेगा, और अंततः देश की खाद्य सुरक्षा और कृषि विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
आरबीआई द्वारा उठाए गए इस कदम से न केवल किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि इससे भारतीय कृषि क्षेत्र को भी मजबूती मिलेगी। इसके परिणामस्वरूप, भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर में सुधार होगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
कुल मिलाकर, भारतीय रिजर्व बैंक का यह कदम किसानों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। 2 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त लोन अब छोटे और सीमांत किसानों के लिए उपलब्ध होगा, जो उनके लिए एक बड़ा आर्थिक सहारा साबित हो सकता है।