भारत सरकार ने देशभर में आठ नए शहरों के विकास के लिए आठ हजार करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है। इस राशि के माध्यम से राज्यों को शहरी विस्तार की दिशा में आवश्यक संसाधन प्रदान किए जाएंगे। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने बताया कि इस पहल के लिए 21 राज्यों से कुल 26 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनकी वर्तमान में जांच और मूल्यांकन प्रक्रिया चल रही है। यह योजना भारत में शहरीकरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ नए अवसरों और सुविधाओं के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
15वें वित्त आयोग द्वारा वितरित 8000 करोड़ रुपए
15वें वित्त आयोग द्वारा इस योजना के लिए 8000 करोड़ रुपए की राशि को निष्पादन-आधारित चुनौती निधि के रूप में आवंटित किया गया है। प्रत्येक नए प्रस्तावित शहर के लिए 1000 करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी। इस राशि से प्रत्येक राज्य में केवल एक नया शहर बनाया जा सकता है, हालांकि, उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्यों के लिए एक छूट है। इन राज्यों के लिए यदि शहरी आबादी छोटी हो, तो वे दो नए शहरों के निर्माण के लिए 1000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं, जिससे इन शहरों के लिए प्रत्येक को 500 करोड़ रुपए मिलेंगे।
राज्यसभा में दी गई जानकारी
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री, कौशल किशोर ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में इस योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस फंड के तहत अधिकतम नौ राज्यों में नए शहरों का चयन किया जा सकता है। मंत्रालय ने इस योजना में भाग लेने के लिए राज्यों के लिए पात्रता शर्तें और बोली मापदंड भी निर्धारित किए हैं, ताकि प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
आठ हजार करोड़ रुपए से होगा शहरी विस्तार
इन प्रस्तावों के माध्यम से सरकार का उद्देश्य शहरीकरण की गति को बढ़ाना और शहरों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करना है। इन नए शहरों के निर्माण से रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी, साथ ही जीवन स्तर में सुधार होगा। यह योजना विशेष रूप से उन क्षेत्रों में विकास को प्रोत्साहित करेगी जहाँ शहरीकरण की दर अभी तक अपेक्षाकृत कम रही है।
राज्यों द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव
21 राज्यों से प्राप्त 26 प्रस्तावों में प्रमुख शहरों का नाम शामिल है, जिनमें अयोध्या (उत्तर प्रदेश), जागीरोड (असम), न्यू एमओपीए आयुष सिटी (गोवा), गिफ्ट सिटी एक्सपेंशन (गुजरात), पैकयोंग (सिक्किम), थिरुमाझीसाई (तमिलनाडु), बंटाला ग्रीनफील्ड सिटी (पश्चिम बंगाल), और जबलपुर एक्सटेंशन (मध्य प्रदेश) प्रमुख हैं। इन शहरों का विकास सरकार की योजनाओं और पहल के तहत किया जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ-साथ आर्थिक उन्नति भी संभव हो सकेगी।
विकास की दिशा में सकारात्मक कदम
इस पहल के द्वारा सरकार एक ओर महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है, जो शहरीकरण की दिशा में अहम साबित हो सकता है। 1000 करोड़ रुपए की राशि प्रत्येक प्रस्तावित शहर के लिए एक पर्याप्त प्रारंभिक धनराशि प्रदान करेगी, जिससे इन परियोजनाओं के लिए आवश्यक संसाधन जुटाए जा सकेंगे। शहरी विस्तार के साथ-साथ रोजगार सृजन, आवासीय योजनाओं का विकास और बेहतर बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह बजट एक महत्वपूर्ण कदम है।