हर किसी का सपना होता है एक अपना घर हो, और इस सपने को पूरा करने के लिए लाखों लोग होम लोन (Home Loan) का सहारा लेते हैं। होम लोन चुकाने के लिए जो राशि अदा करनी होती है, उसे ईएमआई (EMI) कहते हैं। लेकिन, इस समय एक बड़ा सवाल है कि क्या आने वाले समय में होम लोन की ईएमआई पर कोई राहत मिल सकती है? इसका उत्तर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की आगामी बैठक पर निर्भर करेगा, जिसमें यह निर्णय लिया जाएगा कि क्या रेपो रेट (Repo Rate) में कटौती की जाएगी। आइए जानते हैं इस विषय में विस्तार से।
रेपो रेट और होम लोन EMI का संबंध
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बैंकों को उधार देता है। जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंकों के लिए पैसे उधार लेना सस्ता हो जाता है, जिससे बैंकों की लोन की ब्याज दरें कम हो जाती हैं। इसका सीधा असर होम लोन (Home Loan EMI) पर पड़ता है। अगर रेपो रेट घटेगा, तो होम लोन की ब्याज दर भी घट सकती है, और इसकी ईएमआई में राहत मिल सकती है।
इस समय रेपो रेट 6.5% पर बना हुआ है, और बैंकों के ग्राहकों को उम्मीद है कि आरबीआई की आगामी बैठक में रेपो रेट में कटौती हो सकती है। लेकिन क्या सच में ऐसा होगा? यह इस बैठक के परिणामों पर निर्भर करेगा।
आरबीआई की MPC बैठक का महत्व
भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक 4 से 6 दिसंबर 2024 के बीच होने वाली है। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे, जिसमें रेपो रेट में बदलाव की संभावना भी हो सकती है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में यह बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक के बाद, 6 दिसंबर 2024 को गवर्नर द्वारा निर्णयों की घोषणा की जाएगी।
लोगों को उम्मीद है कि रेपो रेट में कटौती हो सकती है, जिससे होम लोन की ईएमआई में राहत मिल सकती है। लेकिन यह उम्मीद महंगाई के बढ़ने के कारण थोड़ी कमजोर हो गई है।
महंगाई और रेपो रेट में बदलाव
अभी महंगाई दर (Inflation Rate) 6 प्रतिशत के आसपास पहुंच चुकी है। यह मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि के कारण हुआ है। जब महंगाई बढ़ती है, तो रिजर्व बैंक ब्याज दरों को नियंत्रित करके उसे कम करने की कोशिश करता है।
इस समय, महंगाई को ध्यान में रखते हुए, विशेषज्ञों का कहना है कि इस बैठक में शायद रेपो रेट में कोई बड़ी कटौती नहीं की जाएगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि महंगाई पर काबू पाना बहुत जरूरी है। यदि रेपो रेट को कम किया गया, तो इससे महंगाई और बढ़ सकती है, जिससे रिजर्व बैंक की नीति का उल्टा असर हो सकता है।
अगले वित्त वर्ष में राहत की उम्मीद
हालांकि इस बार उम्मीद कम है कि रेपो रेट में कटौती होगी, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अगले वित्त वर्ष में (2024-25) कुछ राहत मिल सकती है। अगर अगले कुछ महीनों में महंगाई पर काबू पाया जाता है, तो फरवरी 2025 तक रेपो रेट में कटौती हो सकती है। इस स्थिति में, होम लोन की ईएमआई में भी कमी आ सकती है।
यहां तक कि अगर महंगाई की दर नियंत्रण में नहीं आती, तो 2025 में ही रेपो रेट में कोई बड़ा बदलाव हो सकता है, जिससे होम लोन के उधारकर्ताओं को राहत मिल सकती है।
हालिया आर्थिक आंकड़े
फिलहाल, अक्टूबर 2024 में महंगाई दर 6 प्रतिशत के पार चली गई है। इसके अलावा, जीडीपी (GDP) की वृद्धि दर भी उम्मीद से बहुत कम रही है। यह स्थिति यह संकेत देती है कि आरबीआई को अपनी मौद्रिक नीति में बड़े बदलावों से बचना पड़ सकता है।
इसलिए इस बार, 2024 की चौथी तिमाही में हम यह उम्मीद कर सकते हैं कि रेपो रेट में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, लेकिन 2025 में कुछ राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है।