प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना ने भारत के लाखों किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की है। इस योजना के तहत किसानों को सालाना ₹6,000 की राशि तीन किस्तों में दी जाती है। हालांकि, हाल ही में सरकार ने पाया है कि कई ऐसे किसान भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं जो वास्तव में इसके पात्र नहीं हैं। इसके चलते, सरकार अब इन अपात्र किसानों से योजना का पैसा वापस मांग रही है।
कौन-कौन से किसान हैं अपात्र?
KYC सत्यापन के बाद पाया गया कि कुछ किसान जो इस योजना का लाभ ले रहे थे, वे अपात्र थे। इनमें से कई लोग सरकारी कर्मचारी, पेंशनधारी, या वे लोग हैं जिनके पास बड़े खेत, महंगे वाहन या आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले किसान हैं। ये किसान योजना के नियमों के अनुसार लाभ नहीं उठा सकते थे।
कई राज्यों में हुए जांच के बाद बड़ी संख्या में ऐसे किसानों की पहचान की गई, जो इस योजना का लाभ नहीं ले सकते थे। उदाहरण के तौर पर, उत्तरप्रदेश में 2020 से 2021 के बीच किए गए एक आंतरिक ऑडिट में यह पाया गया कि 35% से 40% से अधिक लाभार्थी अपात्र थे। सरकार ने अब इनसे योजना का पैसा वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पैसा वापस लेने की प्रक्रिया
जिन किसानों को योजना के तहत अयोग्य पाया गया है, उन्हें अब वह पैसा वापस करना होगा जो उन्होंने सरकार से लिया था। राज्य सरकारें और केंद्र सरकार इस प्रक्रिया को तेजी से लागू कर रही हैं, और जिन किसानों ने गलत तरीके से यह पैसा लिया है, उनसे कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ राशि की वसूली की जा रही है।
सरकार ने इन किसानों को वापस करने का विकल्प भी दिया है। PM-KISAN पोर्टल पर जाकर, किसान स्वयं अपना पैसा ऑनलाइन भी वापस कर सकते हैं। यह कदम किसानों को अपनी गलती सुधारने और कानूनी परेशानी से बचने का अवसर प्रदान करता है।
यदि पैसा वापस नहीं किया तो क्या होगा
यदि किसी किसान ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना के तहत प्राप्त की गई राशि को वापस नहीं किया, जबकि वह अपात्र पाया गया है, तो सरकार द्वारा कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसके तहत गंभीर परिणाम हो सकते हैं:
- पैसे की वसूली: सरकार उन किसानों से योजना के तहत दिए गए पैसे की वसूली करेगी। यह वसूली सीधी तौर पर उनके बैंक खातों से हो सकती है।
- कानूनी कार्रवाई: अगर किसान जानबूझकर राशि वापस नहीं करता है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। इसमें जुर्माना या अन्य दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है।
- अन्य योजनाओं से बाहर करना: किसान को भविष्य में किसी भी सरकारी योजना का लाभ मिलने से रोका जा सकता है, और उसे सरकारी लाभार्थी सूची से हटाया जा सकता है।
सबके लिए eKYC की अनिवार्य
सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी लाभार्थी किसानों के लिए eKYC अनिवार्य कर दिया गया है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल सही और पात्र किसानों को ही योजना का लाभ मिल सके। अगर कोई किसान eKYC प्रक्रिया पूरी नहीं करता है, तो PM किसान योजना की 18वीं किस्त रोकी जा सकती है और उसे योजना से बाहर किया जा सकता है।
इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि अगर वे अपात्र पाए जाते हैं, तो वे तुरंत राशि वापस कर दें ताकि किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।