आजकल के बच्चे सोशल मीडिया, टैलेंट शो, और यूट्यूब के जरिए लाखों में कमाई कर रहे हैं। ऐसे में एक सवाल उठता है कि इन बच्चों की कमाई पर टैक्स कौन भरेगा? क्या बच्चों को खुद टैक्स भरना होगा, या फिर उनके माता-पिता को इसकी जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी? आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब।
बच्चों की कमाई पर कौन भरता है टैक्स?
देश में बाल श्रम अवैध है, लेकिन अब बच्चे अपनी प्रतिभा और टैलेंट का सही इस्तेमाल कर लाखों रुपये कमा रहे हैं। इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, बच्चों की कमाई को दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है—अर्जित आय और अनर्जित आय। अर्जित आय में वो पैसे आते हैं, जो बच्चे खुद अपने टैलेंट से कमाते हैं, जैसे सोशल मीडिया, यूट्यूब या टैलेंट शो के जरिए। वहीं, अनर्जित आय में संपत्ति, जायदाद या निवेश से मिलने वाले ब्याज आदि शामिल होते हैं।
बच्चों के लिए टैक्स कानून
इनकम टैक्स की धारा 64(1A) के अनुसार, नाबालिग बच्चों की सालाना 1500 रुपये तक की कमाई पर टैक्स नहीं लगता। लेकिन अगर बच्चा इससे अधिक कमाता है, तो उसकी कमाई को माता-पिता की कुल आय में जोड़कर टैक्स की गणना की जाती है। यदि बच्चे के माता-पिता दोनों कमाते हैं, तो फिर जिसकी आय अधिक होगी, उस पेरेंट की आय में बच्चे की कमाई जोड़ी जाएगी।
तलाक के बाद क्या होता है?
अगर बच्चे के माता-पिता का तलाक हो जाता है, तो उस स्थिति में बच्चे की आय को उस पेरेंट की आय में जोड़कर टैक्स की गणना की जाएगी, जिसके पास बच्चे की कस्टडी है। अगर बच्चा अनाथ होता है, तो उसे अपना व्यक्तिगत आईटीआर (Income Tax Return) भरना पड़ता है।
टैक्स के लिए महत्वपूर्ण बातें
- नाबालिग बच्चों की 1500 रुपये तक की सालाना कमाई टैक्स से मुक्त होती है।
- 1500 रुपये से ज्यादा कमाई पर माता-पिता की आमदनी में बच्चे की कमाई जोड़कर टैक्स कैलकुलेट किया जाता है।
- तलाक या अनाथ होने की स्थिति में अलग नियम होते हैं, जो बच्चे के टैक्स दायित्व को प्रभावित करते हैं।
इस प्रकार, बच्चों की कमाई पर टैक्स भरने की जिम्मेदारी उनकी कमाई की प्रकृति और माता-पिता की स्थिति पर निर्भर करती है।