उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की पीसीएस परीक्षा हर वर्ष लाखों युवाओं का सपना होती है, लेकिन इस कठिन परीक्षा को पास कर अधिकारी बनने की राह बेहद चुनौतीपूर्ण है। इन चुनौतियों को पार करते हुए प्रवीण कुमार द्विवेदी ने वर्ष 2021 में UPPSC PCS परीक्षा में सफलता प्राप्त की और 6वीं रैंक हासिल की।
प्रवीण का यह सफर सिर्फ उनकी मेहनत और संघर्ष का परिणाम नहीं, बल्कि उनके पिता के सपने का भी एहसास था। हालांकि, इस सफलता के बावजूद हाल ही में उन्हें निलंबित कर दिया गया, जिससे उनकी यात्रा को एक नया मोड़ मिला। आइए जानते हैं उनकी यात्रा के बारे में, और कैसे उन्होंने सफलता के इस मुकाम तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना किया।
प्रवीण कुमार द्विवेदी का संघर्ष और सफलता का सफर
प्रवीण कुमार द्विवेदी का जन्म उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में हुआ था। उनके जीवन में एक बड़ा मोड़ तब आया जब वर्ष 2018 में उनके पिता राजेश चंद्र द्विवेदी का निधन हो गया। उनके पिता सिंचाई विभाग में नलकूप ऑपरेटर के पद पर कार्यरत थे, लेकिन हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु के बाद प्रवीण और उनका परिवार प्रयागराज में बस गए। पिता की कमी ने प्रवीण को मानसिक रूप से और भी मजबूत किया, और उन्होंने ठान लिया कि वह अपने पिता के सपने को साकार करेंगे।
प्रवीण ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई फतेहपुर के सरस्वती विद्या मंदिर से की और इसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी की डिग्री प्राप्त की। बीएससी के दौरान ही उन्होंने UPPSC PCS की तैयारी शुरू कर दी। चार वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद, 2021 में उन्होंने UPPSC PCS परीक्षा पास की और 6वीं रैंक हासिल की। इस सफलता ने उन्हें उत्तर प्रदेश के डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त किया, और वह सिर्फ 28 वर्ष की आयु में पीसीएस अधिकारी बने।
पिता के सपने को किया पूरा
जब प्रवीण ने UPPSC PCS परीक्षा पास की थी, तब उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पिता का सपना था कि वह एक बड़ा अधिकारी बने। प्रवीण ने बिना कोचिंग के इस परीक्षा को पास किया, और यह साबित किया कि कठिनाइयों और सीमित संसाधनों के बावजूद सफलता हासिल की जा सकती है। उनके लिए यह सफलता सिर्फ एक नौकरी नहीं, बल्कि उनके पिता के संघर्षों और सपनों का सम्मान था। उन्होंने बताया कि उनके पिता ने उनकी पढ़ाई के लिए बहुत संघर्ष किया था, और यह सफलता उसी संघर्ष का परिणाम थी।
प्रवीण कुमार द्विवेदी का निलंबन
हालांकि, इस सफलता के बाद प्रवीण कुमार द्विवेदी को अचानक एक विवाद का सामना करना पड़ा। उन्हें प्रतापगढ़ में उपजिलाधिकारी (एसडीएम) के रूप में तैनात किया गया था, जहां पर उन्होंने एक भूमि बंटवारे के मुकदमे में एकपक्षीय स्टे ऑर्डर दिया था। इस पर आरोप लगे कि उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया। इस कारण से उन्हें यूपी सरकार के अधिकारियों द्वारा निलंबित कर दिया गया।
प्रवीण का निलंबन 23 मार्च 2023 को हुआ, और इससे पहले वह औरेया जिले के डिप्टी कलेक्टर के पद पर तैनात थे। इसके बाद, 2 मार्च 2024 से 20 नवंबर 2024 तक उन्होंने प्रतापगढ़ में अपनी जिम्मेदारी संभाली। अब उनकी तैनाती लखनऊ में थी, लेकिन इन विवादों के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया है।