बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से पटना में शुरू हो रहा है, जो अगले पाँच दिनों तक चलेगा। इस सत्र की शुरुआत सुबह 11:30 बजे राज्यपाल के अभिभाषण के साथ होगी। यह सत्र विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें विपक्ष और सरकार के बीच कई ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा और हंगामे की उम्मीद है। स्कूल टाइमिंग, स्मार्ट मीटर और जमीन सर्वेक्षण जैसे विषय इस सत्र का मुख्य केंद्र होंगे।
नवनिर्वाचित विधायकों की शपथ ग्रहण
राज्य विधानसभा में हाल ही में हुए उपचुनावों में जीत दर्ज करने वाले चार नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। यह पहली बार है जब कोई विधायक चुनाव जीतने के अगले ही दिन सदन में सदस्यता ग्रहण करेगा। शपथ ग्रहण के बाद, पहले दिन सरकार दूसरे अनुपूरक व्यय विवरणी पेश करेगी, जो इस सत्र का अहम हिस्सा होगा।
जमीन सर्वेक्षण के लिए नया कानून
राज्य सरकार इस बार जमीन सर्वेक्षण प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से एक नया कानून पेश करने की योजना में है। राजस्व और भूमि सुधार मंत्री ने इस बात की पुष्टि की है कि नया बिल प्रक्रिया को डिजिटल और तेज़ बनाने के लिए पेश किया जाएगा। इससे राज्य में भूमि विवादों को कम करने और जनसुविधा में सुधार की उम्मीद है।
सरकार को घेरेगा विरोधी दल
इस सत्र के हंगामेदार रहने की पूरी संभावना है। आरजेडी, कांग्रेस और सीपीआई (एम) जैसे विपक्षी दलों ने सरकार पर स्मार्ट मीटर घोटाले और जमीन सर्वेक्षण में अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं। इसके अलावा, स्कूलों की नई टाइमिंग को लेकर भी नाराजगी जताई जा रही है। ये मुद्दे सदन में तीखी बहस का कारण बन सकते हैं।
सप्ताह भर का शेड्यूल
मंगलवार और बुधवार को सदन में राजकीय विधेयकों पर चर्चा होगी, जबकि गुरुवार को सप्लीमेंट्री व्यय पर विचार होगा। शुक्रवार को गैर-सरकारी संकल्प लिए जाएंगे। सत्र के दौरान सरकार को अपनी नीतियों और योजनाओं का बचाव करने के साथ-साथ विपक्ष के आरोपों का जवाब भी देना होगा।
शीतकालीन सत्र की चुनौतियां और संभावनाएं
इस बार का शीतकालीन सत्र राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को स्पष्ट करने वाला हो सकता है। जहां सरकार विकास योजनाओं को तेज़ी से लागू करने और नए सुधार लाने की कोशिश में है, वहीं विपक्ष इन योजनाओं में खामियों को उजागर करने का प्रयास करेगा।