Bijli Sakhi Yojana के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए एक अद्भुत पहल की है, जिससे वे न केवल अपनी आर्थिक स्थिति सुधार रही हैं, बल्कि समाज में भी एक नई पहचान बना रही हैं। बिजली सखी योजना के माध्यम से महिलाएं अब अपने घर-घर जाकर बिजली बिल जमा करने का काम करती हैं, और इस काम के बदले हर महीने 50,000 रुपये तक की कमाई कर रही हैं।
यह योजना 2020 में कोविड महामारी के बाद शुरू की गई थी, और इसका उद्देश्य उन ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना था, जो पढ़ी-लिखी तो हैं लेकिन घर पर बैठी रहती थीं। अब ऐसे महिलाएं बिजली सखी बनकर न केवल अपनी आय बढ़ा रही हैं, बल्कि गांववालों के लिए भी बिजली बिल जमा करने की सुविधा प्रदान कर रही हैं, जिससे वे लंबे समय तक लाइन में खड़े होने से बच जाते हैं।
कैसे काम करती है बिजली सखी योजना?
बिजली सखी योजना में महिलाएं गांव-गांव जाकर बिजली बिलों को इकट्ठा करती हैं और उन्हें नजदीकी बिजली दफ्तर में जमा करती हैं। इसके बदले, उन्हें हर बिल पर कमीशन मिलता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी घर का बिजली बिल 2000 रुपये तक है, तो उसे जमा करने पर सखी को 20 रुपये का कमीशन मिलता है। वहीं, 2000 रुपये से ज्यादा के बिल पर एक प्रतिशत कमीशन मिलता है।
उत्तर प्रदेश में 30,000 से ज्यादा महिलाएं इस योजना से जुड़ी हुई हैं, और उन्होंने अब तक करीब 1120 करोड़ रुपये के बिजली बिल जमा किए हैं, जिससे उन्होंने 14.6 करोड़ रुपये का कमीशन कमाया है।
राजश्री शुक्ला की सफलता की कहानी
राजश्री शुक्ला, जो बाराबंकी जिले के एक छोटे से गांव सिलाऔता की निवासी हैं, ने इस योजना के माध्यम से अपनी जिंदगी बदल दी। राजश्री अब हर महीने 50,000 रुपये तक कमाती हैं और हाल ही में उन्हें 81,900 रुपये का कमीशन भी मिला था, जिसके कारण वह प्रदेश की टॉप 10 बिजली सखियों में शामिल हो गईं।
आवेदन कैसे करें?
इस योजना में आवेदन करने के लिए महिलाएं उत्तर प्रदेश की स्थायी निवासी होनी चाहिए। इसके अलावा, उन्हें कुछ शर्तों को पूरा करना होता है, जिसके बाद सरकार उन्हें बिल जमा करने के लिए आवश्यक उपकरण और डिजिटल भुगतान विधियों की ट्रेनिंग देती है।
बिजली सखी योजना न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक सकारात्मक बदलाव का कारण बन रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली बिल भुगतान की प्रक्रिया भी सरल और आसान हो गई है।