सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) भारत सरकार की एक विशेष बचत योजना है, जिसे बेटियों के भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। यह योजना ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके तहत माता-पिता या कानूनी अभिभावक 10 वर्ष से कम आयु की बेटी के नाम पर खाता खोल सकते हैं और भविष्य की जरूरतों के लिए निवेश कर सकते हैं।
इस योजना की खास बात यह है कि इसमें निवेश पर सरकार द्वारा 8.2% का वार्षिक ब्याज दिया जाता है, जो समय-समय पर संशोधित किया जाता है। यह योजना पोस्ट ऑफिस और चुनिंदा बैंकों में उपलब्ध है, जिससे इसे आसानी से एक्सेस किया जा सकता है।
Sukanya Samriddhi Yojana
सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खोलने के लिए न्यूनतम राशि ₹250 की आवश्यकता होती है। इस खाते में माता-पिता या अभिभावक प्रति वित्तीय वर्ष न्यूनतम ₹250 से लेकर अधिकतम ₹1.5 लाख तक निवेश कर सकते हैं।
यह योजना एक परिवार में अधिकतम दो बेटियों के लिए लागू होती है। हालांकि, जुड़वां बेटियों के मामले में तीन खाते भी खोले जा सकते हैं।
21 साल की मैच्योरिटी अवधि
सुकन्या समृद्धि योजना की मैच्योरिटी अवधि 21 वर्ष है। खाता खोलने के बाद पहले 15 वर्षों तक नियमित निवेश करना अनिवार्य है। इसके बाद के 6 वर्षों में निवेश पर तय ब्याज मिलता रहता है, जिससे आपकी बचत पर कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है।
उदाहरण के लिए, अगर आप 2024 में इस योजना के तहत खाता खोलते हैं, तो यह 2045 में मैच्योर होगा।
निवेश पर शानदार रिटर्न
इस योजना में नियमित निवेश पर बेहतर रिटर्न की गारंटी है। उदाहरण के तौर पर, यदि आप हर महीने ₹2,000 का निवेश करते हैं:
- सालाना निवेश: ₹24,000
- 15 वर्षों में कुल जमा: ₹3,60,000
- मैच्योरिटी पर कुल राशि: ₹11,08,412
- इसमें से ₹7,48,412 ब्याज के रूप में होगी।
यह 8.2% ब्याज दर के आधार पर कैलकुलेट किया गया है, जो इसे एक आकर्षक और सुरक्षित निवेश विकल्प बनाता है।
टैक्स छूट: तीन स्तरों पर लाभ
सुकन्या समृद्धि योजना का एक और बड़ा लाभ यह है कि यह EEE (Exempt-Exempt-Exempt) श्रेणी में आती है। इसका मतलब है कि:
- निवेश पर धारा 80सी के तहत ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट मिलती है।
- अर्जित ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता।
- मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि भी पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है।
यह योजना न केवल बचत को बढ़ावा देती है, बल्कि टैक्स बचाने का भी शानदार अवसर प्रदान करती है।
समय से पहले निकासी की सुविधा
सुकन्या समृद्धि योजना में समय से पहले निकासी की सुविधा भी दी जाती है।
- बेटी के 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद, उसकी शादी या उच्च शिक्षा के लिए खाते में जमा राशि का 50% तक निकाला जा सकता है।
- इसके अलावा, खाताधारक या अभिभावक की मृत्यु या गंभीर बीमारी जैसी स्थितियों में भी समय से पहले निकासी संभव है।
यह सुविधा इसे और अधिक लचीला बनाती है।
योजना का सामाजिक और आर्थिक महत्व
सुकन्या समृद्धि योजना केवल वित्तीय बचत योजना नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक बदलाव की पहल है। इस योजना ने बेटियों के प्रति माता-पिता के दृष्टिकोण को बदलने में अहम भूमिका निभाई है।
यह योजना न केवल बेटियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है, बल्कि उनकी शिक्षा और शादी जैसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों को पूरा करने में भी मदद करती है।