आधार कार्ड (Aadhaar Card) आज भारत में हर व्यक्ति के लिए एक अनिवार्य दस्तावेज बन चुका है। इसका उपयोग पहचान पत्र के रूप में तो होता ही है, साथ ही यह सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और बैंकिंग, सिम कार्ड, स्कूल एडमिशन जैसे कार्यों के लिए भी जरूरी है। लेकिन अगर आधार कार्ड में कोई गलती हो जाए, जैसे नाम, पता या जन्मतिथि में त्रुटि, तो यह बड़ी समस्या पैदा कर सकता है। ऐसे में आधार को अपडेट करना जरूरी हो जाता है।
हाल ही में, यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने आधार में नाम बदलने और सुधारने से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। इन नियमों का उद्देश्य धोखाधड़ी को रोकना और आधार की प्रामाणिकता को मजबूत करना है।
नाम बदलने के नए नियम
UIDAI ने आधार कार्ड में नाम बदलने की प्रक्रिया को पहले से अधिक सख्त कर दिया है। नए नियमों के अनुसार, अगर आप अपने आधार कार्ड में नाम बदलना चाहते हैं, तो अब आपको निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन करना होगा:
- गैजेट नोटिफिकेशन (Gazette Notification):
आधार कार्ड में नाम बदलने के लिए अब आपको गैजेट नोटिफिकेशन जमा करना होगा। यह एक आधिकारिक दस्तावेज होता है जो यह पुष्टि करता है कि आपने कानूनी रूप से अपना नाम बदलवाया है। - सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट
गैजेट नोटिफिकेशन के अलावा, आपको एक और पहचान पत्र जमा करना होगा, जिसमें नया नाम दर्ज हो। इसके लिए आप निम्नलिखित दस्तावेज़ों का उपयोग कर सकते हैं:- PAN कार्ड
- वोटर आईडी कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पासपोर्ट
- सर्विस आईडी कार्ड
- दो बार का नियम
UIDAI के नियमों के अनुसार, आधार कार्ड में नाम बदलने का विकल्प आपको जीवन में केवल दो बार ही मिलता है। इससे अधिक बार नाम बदलने की अनुमति नहीं दी जाती।
प्रक्रिया को कठिन बनाने का उद्देश्य
UIDAI ने नाम बदलने की प्रक्रिया को मुश्किल बनाया है ताकि इसकी दुरुपयोग की संभावनाएं कम हो सकें। हालांकि, इसके विपरीत एड्रेस अपडेट और नए एनरोलमेंट की प्रक्रिया को आसान कर दिया गया है। अब, किसी भी पब्लिक सेक्टर बैंक की पासबुक का उपयोग एड्रेस प्रूफ के रूप में किया जा सकता है। यह कदम उन लोगों के लिए राहत प्रदान करता है जो अपने पते में बदलाव करना चाहते हैं या पहली बार आधार बनवाना चाहते हैं।