Govt Employees: केंद्र सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक कठोर कदम उठाते हुए निर्देश दिया है कि सभी सरकारी अधिकारी आईजीओटी कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कोर्स अनिवार्य रूप से पूरा करें। यह फैसला सरकारी कार्यों में दक्षता और कुशलता लाने के उद्देश्य से लिया गया है। आदेश के मुताबिक, जिन अधिकारियों ने यह कोर्स पूरा नहीं किया होगा, उनका वेतन रोका जा सकता है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 18 नवंबर 2024 को यह आदेश जारी किया, जो पूरे सरकारी तंत्र में चर्चा का विषय बन गया है।
आईजीओटी कर्मयोगी प्लेटफॉर्म क्या है?
आईजीओटी (Integrated Government Online Training) कर्मयोगी प्लेटफॉर्म सरकार द्वारा शुरू किया गया एक डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य सरकारी अधिकारियों को कहीं भी, कभी भी, सीखने का अवसर प्रदान करना है। यह प्लेटफॉर्म अधिकारियों को न केवल उनकी नौकरी से संबंधित तकनीकी ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि उन्हें नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य सरकारी कार्यों में दक्षता और आधुनिकता लाना है। यह सुनिश्चित करता है कि अधिकारी नई नीतियों और प्रक्रियाओं को बेहतर तरीके से समझ सकें और उनका कार्यान्वयन प्रभावी ढंग से कर सकें।
मुख्य उद्देश्य
- कार्य दक्षता बढ़ाना: अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से समझ सकें।
- आधुनिक ज्ञान प्रदान करना: नई नीतियों और प्रौद्योगिकियों की जानकारी देना।
- डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा: अधिकारियों को कहीं भी और कभी भी सीखने का अवसर देना।
इस प्लेटफॉर्म पर छोटी अवधि के कोर्स उपलब्ध हैं, जो 30 मिनट से लेकर 10 घंटे तक के हो सकते हैं। इन कोर्स के माध्यम से अधिकारी सार्वजनिक नीति, प्रशासनिक दक्षता, ई-गवर्नेंस, और वित्तीय प्रबंधन जैसे विषयों में पारंगत हो सकते हैं।
आदेश का विवरण
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी PAO (Pay and Accounts Officers) को निर्देश दिया है कि किसी भी अधिकारी का वेतन बिल तभी मंजूर किया जाए, जब उसके पास आईजीओटी कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर कोर्स पूरा करने का प्रमाण पत्र हो। यदि यह प्रमाण पत्र नहीं होगा, तो उनका वेतन रोक दिया जाएगा।
मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि:
- डीडीओ/एचओओ (Drawing and Disbursing Officer/Head of Office) को सुनिश्चित करना होगा कि अधिकारी ने कोर्स पूरा किया है।
- जिनके पास प्रमाण पत्र नहीं होगा, उनके वेतन बिल होल्ड कर दिए जाएंगे, यानी मंजूर नहीं किए जाएंगे।
यह आदेश सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव की सहमति से जारी किया गया है।
क्यों जरूरी है यह कोर्स?
सरकार का मानना है कि आधुनिक समय में अधिकारियों को नई चुनौतियों और नागरिकों की अपेक्षाओं को समझने की जरूरत है। यह कोर्स उन्हें न केवल नीतियों और योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने में मदद करेगा, बल्कि उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक कौशल को भी विकसित करेगा।
उदाहरण:
- सार्वजनिक नीति निर्माण और उसे जमीनी स्तर पर लागू करने की प्रक्रिया को समझना।
- तेजी से बदलती अर्थव्यवस्था और बढ़ती जन अपेक्षाओं के बीच तालमेल बिठाना।
IGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कोर्स
इस प्लेटफॉर्म पर विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है। इन्हें विभिन्न मंत्रालयों और संस्थानों द्वारा डिज़ाइन किया गया है।
महत्वपूर्ण कोर्स और उनकी अवधि
- एफआरएसआर (FRSR):
- सामान्य नियम: 5 घंटे 20 मिनट
- यात्रा भत्ता: 3 घंटे 10 मिनट
- मकान किराया भत्ता: 3 घंटे 45 मिनट
- पब्लिक पॉलिसी:
- सार्वजनिक नीति अनुसंधान की मूल बातें: 2 घंटे 48 मिनट
- सार्वजनिक नीति और वीयूसीए विश्व: 2 घंटे 7 मिनट
- डिजिटल और ई-गवर्नेंस:
- ई-गवर्नेंस की मूल बातें: 1 घंटा 35 मिनट
- डेटा आधारित निर्णय लेना: 2 घंटे 30 मिनट
- व्यक्तिगत विकास:
- आत्म नेतृत्व: 1 घंटा 26 मिनट
- तनाव प्रबंधन: 1 घंटा 54 मिनट
- प्रभावी संचार: 5 घंटे 34 मिनट
- विशेष कोर्स:
- पीएम गतिशक्ति: 2 घंटे 9 मिनट
- डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023: 1 घंटा 12 मिनट
- साइबर स्पेस में सुरक्षित रहना: 1 घंटा 16 मिनट
प्रशिक्षण से होने वाले लाभ
- अधिकारी अपनी भूमिका को अधिक प्रभावी तरीके से निभा सकेंगे।
- अधिकारियों को जटिल समस्याओं का समाधान करने में मदद मिलेगी।
- डिजिटल युग में काम करने के नए तरीके सीखने का अवसर।
क्या होता है सर्टिफिकेट न होने पर?
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि बिना सर्टिफिकेट वेतन पर रोक लगाई जाएगी। यह कदम अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों और प्रशिक्षण के प्रति अधिक गंभीर बनाने के लिए उठाया गया है।
परिणाम
- अधिकारियों को अपने प्रशिक्षण को प्राथमिकता देनी होगी।
- सरकारी प्रक्रियाएं और अधिक प्रभावी होंगी।
केंद्र सरकार का एक आदेश, अधिकारियों के गले की फांस बन गया है। एक मंत्रालय ने इस बाबत कठोर आदेश भी निकाल दिया है। 18 नवंबर को जारी इस आदेश में साफतौर पर यह हिदायत दी गई हैं कि जिन अधिकारियों ने आईजीओटी ‘कर्मयोगी’ प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन कोर्स नहीं किया है, उनके पास कोर्स का सर्टिफिकेट नहीं है तो वे इस माह सेलरी का इंतजार न करें। मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि अधिकारियों का वेतन बिल, उक्त सर्टिफिकेट देखने के बाद ही जारी किया जाए।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के मुख्य लेखा नियंत्रक कार्यालय, प्रधान लेखा कार्यालय द्वारा सोमवार को यह आदेश जारी किया गया है। इसमें आईजीओटी प्लेटफार्म-‘कर्मयोगी’ पर कोर्स करने की बात कही गई है। मंत्रालय ने अपने सभी ‘पीएओ’ को निर्देश दिया है कि वे पूर्व में जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार ही कर्मियों के सेलरी बिल को क्लीयर करें। केवल उन्हीं अधिकारियों के सेलरी बिल को मंजूरी दें, जिनके बिल डीडीओ/एचओओ के द्वारा सर्टिफाइड किए गए हों। उनके पास अनिवार्य तौर से आईजीओटी कोर्स का सर्टिफिकेट हो। अगर उनके पास कोर्स का सर्टिफिकेट है तो ही उनके वेतन का बिल मंजूर किया जाए। जिन अफसरों के मामले में यह सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं होगा, उनके सेलरी बिल आगामी आदेशों तक ‘होल्ड’ पर रखे जाएं। यानी उन्हें मंज़ूरी नहीं मिलेगी। उक्त आदेश ‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय’ के सचिव की सहमति से जारी किए गए हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार अपने अधिकारियों व कर्मियों के लिए आईजीओटी कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन प्रशिक्षण कोर्स करा रही है। इसमें बहुत छोटी अवधि यानी दो तीन घंटे के कोर्स होते हैं। सिविल सेवा में रहते हुए अधिकारी अपनी भूमिका का निर्वहन कैसे करें, सार्वजनिक नीतियों के निर्माण से लेकर उन्हें जमीनी स्तर पर लागू करना, इस बाबत जानकारी दी जाती है। तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और नागरिकों की बढ़ती आकांक्षा के बीच मांग व अपेक्षा में समन्वय कैसे हो और कौन सा दृष्टिकोण अपनाएं, आदि बातों को लेकर अधिकारियों को पारंगत बनाया जाता है।
सरकारी अधिकारी, कौशल, ज्ञान और दक्षताओं से लैस हों। डिजिटल लर्निंग फ्रेमवर्क ‘कर्मयोगी’ यानी एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण कर्मयोगी प्लेटफॉर्म, सभी सिविल सेवकों के लिए कभी भी-कहीं भी, सीखने के अवसर प्रदान करता है। यह कोर्स, संस्थागत प्रशिक्षण हस्तक्षेप सरकार में नियम-आधारित प्रणाली से भूमिका-आधारित मानव संसाधन प्रबंधन में बदलाव के समग्र उद्देश्य को सुगम बनाता है। इसके माध्यम से सभी अधिकारियों को ऑनलाइन पाठ्यक्रम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
आईजीओटी प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की उपलब्धता और उनकी प्रासंगिकता को लेकर समय समय पर समीक्षा भी की जाती है। भारतीय सिविल लेखा सेवा (आईसीएएस) अधिकारियों और वरिष्ठ लेखा अधिकारियों (एसआरएओ) / सहायक लेखा अधिकारियों (एएओ) के लिए पाठ्यक्रमों की एक सांकेतिक सूची भी तय गई है। जैसे व्यय विभाग का एफआरएसआर भाग I–सामान्य नियम, कोर्स करने में करीब 5 घंटे 20 मिनट लगते हैं।
एफआरएसआर भाग II–यात्रा भत्ता नियम, इसे करने में 3 घंटे 10 मिनट, एफआरएसआर भाग III–अवकाश नियम कोर्स करने में 3 घंटे 50 मिनट, एफआरएसआर भाग IV–डीए और डीआर नियम, इसके लिए 2 घंटे 25 मिनट और एफआरएसआर भाग V–मकान किराया भत्ते और अन्य भत्ते, इससे जुड़ा कोर्स करने के लिए 3 घंटे 45 मिनट का वक्त लगता है। इसी तरह से भारत सरकार का सार्वजनिक खरीद ढांचा, वस्तुओं की सार्वजनिक खरीद, सरकारी ई-बाजार और खरीद सेवाएं (परामर्श / गैर-परामर्श), उक्त कोर्स करने की भी समय सीमा निर्धारित की गई है।
नए आपराधिक कानूनों का परिचय 2 घंटे 30 मिनट, भारतीय न्याय संहिता का परिचय, 2023 के लिए 52 मिनट और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 का परिचय, आदि कोर्स के लिए भी समय तय किया गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 का परिचय, इसके लिए 1 घंटा 22 मिनट लगेंगे। आईसीएएस अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले पाठ्यक्रम में सार्वजनिक नीतियों का निर्माण, इसके लिए 1 घंटा 15 मिनट का समय तय किया गया है। सचिवालय प्रशिक्षण एवं प्रबंधन संस्थान, इस कोर्स को कराता है। भौगोलिक सूचना प्रणाली 10 घंटे 15 मिनट, यह कोर्स अंतरिक्ष विभाग कराता है। आत्म नेतृत्व के कोर्स में जीने की कला सिखाई जाती है। यह कोर्स करने में 1 घंटा 26 मिनट का समय लगता है।
स्वच्छ भारत मिशन: एक अवलोकन, इसके लिए 45 मिनट तय हैं। यह कोर्स सचिवालय प्रशिक्षण एवं प्रबंधन संस्थान कराता है। ई-गवर्नेंस और डिजिटल इंडिया की मूल बातें, इसके लिए 1 घंटा 35 मिनट तय हैं। रेल मंत्रालय यह कोर्स कराता है। इसी तरह सरकार के लिए डेटा आधारित निर्णय लेना, इस कोर्स का समय 2 घंटे 30 मिनट तय किया गया है। यह कोर्स कराने की जिम्मेदारी, क्षमता निर्माण आयोग को दी गई है। सार्वजनिक नीति और वीयूसीए विश्व, इसे करने में 2 घंटे 7 मिनट लगते हैं। भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, इस कोर्स को कराता है। सेवा वितरण प्रबंधन कोर्स का समय 3 घंटे 11 मिनट का है। इस कोर्स को भी भारतीय लोक प्रशासन संस्थान कराता है।
पीएम गतिशक्ति कोर्स करने में 2 घंटे 9 मिनट का समय लगता है। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा यह कोर्स कराया जाता है। व्यक्तिगत संबंधों का प्रबंधन, कोर्स करने में 41 मिनट 33 सेकंड का समय लगता है। ये कोर्स जीने की कला के तहत आता है। निर्णय लेना, 35 मिनट के इस कोर्स को सचिवालय प्रशिक्षण एवं प्रबंधन संस्थान कराता है। सार्वजनिक नीति अनुसंधान की मूल बातें, इस कोर्स को करने में 2 घंटे 48 मिनट लगते हैं। भारतीय लोक प्रशासन संस्थान को यह कोर्स कराने की जिम्मेदारी दी गई है। अपना भावनात्मक गुणांक बढ़ाना, इस कोर्स की अवधि 1 घंटा 07 मिनट है। ये कोर्स जीने की कला के तहत आता है।
सरकार में अनुशासनात्मक कार्यवाही, इस कोर्स को करने में 3 घंटे 57 मिनट लगते हैं। राष्ट्रीय रक्षा वित्तीय प्रबंधन अकादमी (एनएडीएफएम) यह कोर्स कराता है। बजट, यह कोर्स सचिवालय प्रशिक्षण एवं प्रबंधन संस्थान, 1 घंटा 40 मिनट में पूरा कराता है। साइबर स्पेस में सुरक्षित रहें, यह कोर्स भी 1 घंटा 16 मिनट में हो जाता है। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ‘I4C’ को यह कोर्स कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। डेटा विश्लेषण और विज़ुअलाइज़ेशन, यह कोर्स करने में 3 घंटे 19 मिनट लगते हैं। डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023: एक अवलोकन, इसे करने में 1 घंटा 12 मिनट लगते हैं। टीमों का प्रबंधन और नेतृत्व, इस कोर्स के लिए 1 घंटा 40 मिनट तय हैं। आईएसबी हैदराबाद यह कोर्स कराता है। प्रभावी संचार 5 घंटे 34 मिनट व कार्यालय प्रक्रिया सीखने का कोर्स, इसके लिए 1 घंटा 35 मिनट का समय तय है।
वरिष्ठ लेखा अधिकारियों/सहायक लेखा अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले पाठ्यक्रम भी तय किए गए हैं। कार्यालय प्रक्रिया, 2 घंटे 17 मिनट, सामान्य वित्तीय नियम, 2 घंटे 53 मिनट, कार्यस्थल पर योग अवकाश 27 मिनट, कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम 1 घंटा 51 मिनट, उभरती प्रौद्योगिकियों का परिचय 2 घंटे 20 मिनट और मिशन लाइफ पर अभिमुखीकरण मॉड्यूल, इसके लिए 22 मिनट तय हैं। साइबर स्पेस में सुरक्षित रहें 1 घंटा 16 मिनट, सरकारी कर्मचारियों के लिए आचार संहिता 35 मिनट और सार्वजनिक नीति अनुसंधान की मूल बातें, ये कोर्स 2 घंटे 48 मिनट में होता है।
सामाजिक कानून 1 घंटा 29 मिनट, सेवा वितरण प्रबंधन 3 घंटे 11 मिनट, ई-गवर्नेंस और डिजिटल इंडिया की मूल बातें 1 घंटा 35 मिनट, नैतिकता और मूल्य 50 मिनट, जेंडर संवेदनशीलता 1 घंटा 15 मिनट, नोटिंग और प्रारूपण 2 घंटे, वित्त एवं लेखा 1 घंटा 35 मिनट, समय प्रबंधन 1 घंटा 15 मिनट, प्रस्तुति कौशल बढ़ाने के तरीके 1 घंटा 25 मिनट, पेंशन लाभ 55 मिनट, तनाव प्रबंधन 1 घंटा 54 मिनट, वार्षिक निष्पादन मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) 38 मिनट, सूचना का अधिकार (आरटीआई) 2 घंटे 15 मिनट और डीडीओ के लिए टीडीएस 1 घंटा 46 मिनट, कोर्स का समय निर्धारित किया गया है।