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आधार कार्ड के इस्तेमाल में छोटी गलती पड़ सकती है भारी, ये छोटी गलती पहुंचा सकती है जेल!

आधार कार्ड के नियमों को हल्के में लेना पड़ सकता है महंगा। डेटा हेरफेर, फर्जी जानकारी या अनधिकृत इस्तेमाल के लिए हो सकती है 10 साल की जेल और 10 लाख तक का जुर्माना। जानें आधार कार्ड के सही उपयोग और कानूनी नियमों की पूरी जानकारी।

By PMS News
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आधार कार्ड के इस्तेमाल में छोटी गलती पड़ सकती है भारी, ये छोटी गलती पहुंचा सकती है जेल!

आधार कार्ड, जिसे भारत में नागरिक पहचान का महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है, अब हर सरकारी और निजी काम के लिए आवश्यक हो गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आधार कार्ड के गलत इस्तेमाल या उससे जुड़ी जानकारी में हेरफेर करने पर कठोर कानूनी कार्रवाई हो सकती है? अगर आप आधार कार्ड के नियमों का पालन नहीं करते, तो आपको जेल और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।

आधार कार्ड से जुड़े ये अपराध पहुंचा सकते हैं जेल

1. गलत जानकारी देकर आधार कार्ड बनवाना

अगर किसी ने आधार कार्ड बनवाते समय नाम, जन्मतिथि, या जेंडर की गलत जानकारी दी, तो इसे अपराध माना जाएगा। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के अनुसार, इस अपराध के लिए 3 साल तक की जेल और 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

2. किसी अन्य के आधार डेटा का दुरुपयोग

किसी व्यक्ति की आधार से जुड़ी जानकारी को बिना उसकी अनुमति के इस्तेमाल करना या उसमें बदलाव करना गंभीर अपराध है। यह अपराध भी आपको 3 साल तक की जेल और 10,000 रुपये तक के जुर्माने तक ले जा सकता है। यह डेटा प्राइवेसी और व्यक्ति की सुरक्षा के लिए खतरा माना जाता है।

3. फर्जी सरकारी एजेंसी बनकर धोखाधड़ी

यदि कोई व्यक्ति सरकारी कर्मचारी होने का दिखावा कर आधार कार्ड धारकों से जानकारी मांगता है या उनके डेटा का दुरुपयोग करता है, तो इसे कानून का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसे अपराध के लिए 3 साल तक की जेल और 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

4. आधार डेटा की अनधिकृत बिक्री या ट्रांसफर

आधार से जुड़े डेटा को किसी भी अनधिकृत व्यक्ति या संस्था को बेचना, साझा करना या ट्रांसफर करना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि इसके लिए गंभीर दंड का प्रावधान है। इस अपराध के लिए भी 3 साल तक की जेल और 10,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

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5. केंद्रीय पहचान डेटा रिपोजिटरी (CIDR) तक अनधिकृत पहुंच या हैकिंग

आधार कार्ड से जुड़ी सारी जानकारी केंद्रीय पहचान डेटा रिपोजिटरी (CIDR) में सुरक्षित रहती है। इसे हैक करना, इसमें बिना अनुमति के प्रवेश करना, या डेटा चोरी करना एक गंभीर साइबर अपराध है। इस अपराध के लिए 10 साल तक की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

6. आधार डेटा के साथ छेड़छाड़

CIDR में स्टोर डेटा के साथ छेड़छाड़ करना या उसे नुकसान पहुंचाना राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिक अधिकारों के खिलाफ बड़ा अपराध माना जाता है। इसके लिए 10 साल तक की जेल का प्रावधान है। आधार डेटा का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है।

क्या करें यदि आपका डेटा दुरुपयोग हो?

यदि आपको लगता है कि आपके आधार डेटा का दुरुपयोग हुआ है, तो तुरंत UIDAI की हेल्पलाइन पर संपर्क करें। UIDAI और साइबर क्राइम विभाग इस मामले में आपकी सहायता करेंगे।

आधार कार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसका दुरुपयोग गंभीर कानूनी परिणाम ला सकता है। यदि आप इसे सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं, तो यह आपकी पहचान को सुरक्षित रखने और सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने का साधन बन सकता है। लेकिन छोटी सी लापरवाही आपको जेल और भारी जुर्माने की ओर धकेल सकती है।

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