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कौन छीन सकता है IAS की नौकरी? जानें क्यों पीएम और सीएम भी नहीं निकाल सकते!

IAS Officers की नौकरी संविधान के तहत पूरी तरह सुरक्षित है। प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री भी उन्हें नौकरी से नहीं हटा सकते। जानिए अनुच्छेद 311 के तहत किन परिस्थितियों में IAS की नौकरी खत्म हो सकती है और इसके लिए केवल राष्ट्रपति को ही क्यों अधिकार दिया गया है।

By PMS News
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कौन छीन सकता है IAS की नौकरी? जानें क्यों पीएम और सीएम भी नहीं निकाल सकते!
कौन छीन सकता है IAS की नौकरी? जानें क्यों पीएम और सीएम भी नहीं निकाल सकते!

IAS Officer की नौकरी भारत में सबसे प्रतिष्ठित मानी जाती है, लेकिन इसे खत्म करने का अधिकार केवल राष्ट्रपति के पास है। प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री भी किसी IAS को नौकरी से नहीं निकाल सकते। आइए जानते हैं कि IAS की नौकरी छीनने के लिए क्या नियम और प्रक्रिया है।

IAS अधिकारी की नौकरी खत्म करने का अधिकार किसके पास है?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत IAS, IRS या IFS जैसे ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों की नौकरी खत्म करने का अधिकार केवल राष्ट्रपति के पास है। प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री जैसे बड़े पदों पर बैठे अधिकारी भी इस मामले में निर्णय लेने का अधिकार नहीं रखते।

हालांकि, राज्य सरकार के पास IAS अधिकारियों को निलंबित (Suspend) करने का अधिकार होता है, लेकिन यह निलंबन तभी लागू हो सकता है जब कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) की मंजूरी हो।

अनुच्छेद 311: IAS की नौकरी से जुड़े प्रावधान

अनुच्छेद 311 के तहत IAS अधिकारी की नौकरी खत्म करने के लिए इन नियमों का पालन किया जाता है:

  1. जांच प्रक्रिया: किसी अधिकारी को नौकरी से हटाने के लिए पहले उसके खिलाफ पूरी जांच प्रक्रिया की जाती है।
  2. सुनवाई का अधिकार: अधिकारी को अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जाता है।
  3. दोष सिद्धि: यदि अधिकारी किसी अपराध में दोषी पाया जाता है या जनता के नुकसान के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है, तो उसकी रैंक कम की जा सकती है या नौकरी खत्म की जा सकती है।
  4. न्यायाधिकरण में अपील: नौकरी से निकाले गए अधिकारी केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) या राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण में अपील कर सकते हैं।

IAS को सस्पेंड करने का अधिकार

राज्य सरकार के पास IAS अधिकारी को सस्पेंड करने का अधिकार होता है, लेकिन इसके लिए नियम काफी सख्त हैं:

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  • 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट: राज्य सरकार को 48 घंटे के भीतर कैडर कंट्रोल अथॉरिटी को सस्पेंशन की जानकारी देनी होती है।
  • केंद्र सरकार की अनुमति: अगर सस्पेंशन 30 दिनों से अधिक जारी रखना हो, तो केंद्र सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य है।
  • DoPT की मंजूरी: सस्पेंशन तब तक लागू नहीं किया जा सकता जब तक कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) का प्रभार संभाल रहे मंत्री इसे मंजूरी न दें।

PM और CM क्यों नहीं हटा सकते IAS अधिकारी को?

IAS अधिकारियों की नौकरी खत्म करने का अधिकार प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या यूपीएससी के पास नहीं है। यह प्रावधान संविधान के तहत इसलिए बनाया गया है ताकि अधिकारी निष्पक्षता से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें और राजनीतिक दबाव से बच सकें।

IAS अधिकारी की नौकरी कब खत्म हो सकती है?

IAS अधिकारी की नौकरी तभी खत्म हो सकती है जब:

  • वह किसी अपराध में दोषी पाया जाए।
  • उसके कार्यों से जनता या प्रशासन को गंभीर नुकसान हो।
  • वह अनुचित साधनों का इस्तेमाल करे, जिससे उसकी निष्पक्षता पर सवाल उठे।

IAS के निलंबन के बाद प्रक्रिया

अगर किसी IAS अधिकारी को निलंबित किया जाता है, तो प्रक्रिया इस प्रकार होती है:

  1. राज्य सरकार केंद्र सरकार को रिपोर्ट करती है।
  2. केंद्र सरकार निलंबन की समीक्षा करती है।
  3. दोष साबित होने पर ही अधिकारी की नौकरी खत्म की जा सकती है।

क्यों है IAS की नौकरी इतनी सुरक्षित?

IAS अधिकारियों को संविधान के तहत मजबूत सुरक्षा प्रदान की गई है ताकि वे स्वतंत्र होकर अपने फैसले ले सकें। उनकी नौकरी छीनने या निलंबित करने की प्रक्रिया कठिन और पारदर्शी होती है।

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