भारत में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और आधार कार्ड को लेकर हाल ही में नई बहस छिड़ गई है। असम सरकार ने आधार कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को और सख्त बनाते हुए यह घोषणा की है कि अब राज्य में आधार कार्ड केवल उन्हीं लोगों को जारी किए जाएंगे जिनके पास एनआरसी आवेदन रसीद नंबर (ARN) होगा। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के इस फैसले के बाद राज्य में कई लोग प्रभावित हो सकते हैं।
यह निर्णय असम में अवैध विदेशियों की पहचान सुनिश्चित करने और आधार कार्ड के दुरुपयोग को रोकने के लिए लिया गया है। इस कदम ने राज्य में जनसंख्या आंकड़ों को अधिक प्रामाणिक बनाने की दिशा में एक नई बहस को जन्म दिया है।
आधार कार्ड और NRC का आपसी संबंध
असम सरकार ने आधार कार्ड के लिए एनआरसी रसीद अनिवार्य कर दी है। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि आधार कार्ड के लिए आए आवेदनों की संख्या असम की जनसंख्या से अधिक पाई गई है।
संदिग्ध आंकड़े
बारपेटा जिले में आधार कार्ड के लिए 103.74% आवेदन आए हैं, जबकि धुबरी में यह आंकड़ा 103% और मोरीगांव व नागांव में 101% है। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि आधार कार्ड के लिए बड़ी संख्या में अवैध रूप से आवेदन किए जा रहे हैं, जो राज्य में विदेशी नागरिकों की मौजूदगी का संकेत देते हैं।
इस समस्या को रोकने के लिए एनआरसी रसीद को अनिवार्य किया गया है ताकि केवल भारतीय नागरिक ही आधार कार्ड के हकदार बन सकें।
नए नियम कैसे काम करेंगे?
नए नियमों के तहत, किसी भी व्यक्ति को आधार कार्ड बनवाने के लिए अपनी एनआरसी आवेदन रसीद और उसकी हार्ड कॉपी प्रशासन को जमा करनी होगी। इसके बिना उनका आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
हालांकि, जिन 9.55 लाख लोगों के बायोमेट्रिक्स एनआरसी प्रक्रिया के दौरान लॉक कर दिए गए थे, उन्हें इस नियम से छूट दी गई है। सरकार का कहना है कि यह कदम पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किया जाएगा।
असम सरकार का उद्देश्य
असम सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य में विदेशी नागरिकों की बढ़ती संख्या को रोकना है। मुख्यमंत्री सरमा ने यह भी कहा है कि आधार कार्ड के बिना कोई भी सरकारी सेवा प्राप्त करना मुश्किल हो जाएगा। आधार कार्ड अब हर सरकारी प्रक्रिया का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है, और इसलिए इसकी प्रामाणिकता सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।
विदेशियों की पहचान रोकने का प्रयास
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आधार कार्ड केवल भारतीय नागरिकों को जारी किया जाना चाहिए। इस नियम से राज्य में अवैध नागरिकों की आमद पर रोक लगेगी और सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचेगा।
आधार कार्ड प्रक्रिया का विरोध
हालांकि, इस नियम का राज्य में कई जगहों पर विरोध हो रहा है। कई लोगों का कहना है कि एनआरसी प्रक्रिया के कारण पहले से ही बहुत सारे लोग अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाए हैं और अब यह नया नियम उनके लिए और कठिनाई पैदा करेगा।
सरकार ने इन विरोधों को दरकिनार करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि इस नियम को सख्ती से लागू किया जाएगा। अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे बिना एनआरसी रसीद आधार कार्ड के किसी भी आवेदन को स्वीकार न करें।