दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है, जिसके चलते स्कूलों में पढ़ाई का तरीका पूरी तरह बदलना पड़ा है। दिल्ली सरकार ने रविवार को घोषणा की कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के खराब स्तर को देखते हुए स्कूलों में प्रत्यक्ष कक्षाएं बंद की जा रही हैं। हालांकि, कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों को छूट दी गई है ताकि उनकी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी प्रभावित न हो। अन्य सभी कक्षाओं की पढ़ाई अब ऑनलाइन माध्यम से कराई जाएगी।
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “जीआरपी-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू होने के कारण यह फैसला लिया गया है। बच्चों की सेहत हमारी प्राथमिकता है। कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों को छोड़कर सभी अन्य कक्षाओं के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की जाएगी।”
हरियाणा में भी स्कूलों पर पड़ा वायु प्रदूषण का प्रभाव
दिल्ली के अलावा हरियाणा में भी वायु प्रदूषण ने शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित किया है। राज्य सरकार ने शनिवार को ही इस संबंध में आदेश जारी कर दिया था। इसमें कहा गया कि उपायुक्त अपने-अपने जिलों में वायु गुणवत्ता का आकलन कर निर्णय लेंगे।
सोनीपत के उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने खराब वायु गुणवत्ता के कारण कक्षा 5 तक के सभी स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद रखने के निर्देश दिए। इसके अलावा बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने का आदेश दिया गया। हरियाणा सरकार ने अन्य जिलों, जैसे गुरुग्राम और फरीदाबाद, में निर्णय लेने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन को दी है।
नोएडा और गाजियाबाद में स्थिति अस्पष्ट
दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद में भी वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना हुआ है। लेकिन इन क्षेत्रों में अभी तक स्कूल बंद करने या ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने को लेकर कोई आधिकारिक आदेश नहीं आया है। प्रशासन का कहना है कि हालात पर नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। अभिभावकों और छात्रों को सलाह दी गई है कि वे अपने स्कूलों से संपर्क कर ताजा जानकारी प्राप्त करें।
वायु प्रदूषण और बच्चों की सेहत
बच्चे वायु प्रदूषण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, क्योंकि उनके फेफड़े और इम्यून सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होते। खतरनाक वायु गुणवत्ता न केवल बच्चों के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है, बल्कि यह अस्थमा, एलर्जी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकती है। इसीलिए स्कूलों को बंद करने और ऑनलाइन क्लासेज शुरू करने का निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है।