दिल्ली, जो देश की राजधानी है, इस समय वायु प्रदूषण की एक गंभीर समस्या का सामना कर रही है। खासकर दीपावली के बाद से हवा में जहरीले कणों की मात्रा इतनी बढ़ गई है कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। पिछले कुछ दिनों में दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों की हवा लगातार खतरनाक स्तर पर बनी हुई है। बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने GRAP-3 (Graded Response Action Plan) के तहत कई सख्त कदम उठाए हैं। इनमें बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल वाहनों के संचालन पर पूरी तरह से प्रतिबंध शामिल है।
सरकार का मानना है कि ये उपाय वायु गुणवत्ता सुधारने में मदद करेंगे और लोगों को स्वच्छ हवा में सांस लेने का मौका देंगे। हालांकि, ये कदम जरूरी होते हुए भी कई नागरिकों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है, लेकिन दिल्ली की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए इसे बेहद जरूरी माना जा रहा है।
बढ़ते प्रदूषण के पीछे की वजह
दिल्ली की भौगोलिक स्थिति और सर्दियों में हवा की गति धीमी होने के कारण प्रदूषण यहां ज्यादा देर तक टिक जाता है। इसके साथ ही दिवाली के पटाखे, पराली जलाने की समस्या, और गाड़ियों से निकलने वाला धुआं मिलकर हवा को जहरीला बना देते हैं। पिछले कुछ दिनों में दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से ऊपर जा चुका है, जो गंभीर श्रेणी में आता है।
इस खतरनाक स्तर के प्रदूषण को देखते हुए ही बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह कदम प्रदूषण फैलाने वाले मुख्य स्रोतों में से एक—वाहन प्रदूषण—को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
बीएस-III और बीएस-IV वाहन क्या हैं?
Bharat Stage (BS) वाहनों के उत्सर्जन मानकों को दर्शाता है। यह मानक तय करते हैं कि कोई वाहन वातावरण में कितना प्रदूषण फैलाएगा। बीएस-III और बीएस-IV, पुराने उत्सर्जन मानक हैं। बीएस-IV वाहन बीएस-III की तुलना में थोड़ा कम प्रदूषण करते हैं, लेकिन वर्तमान में ये भी दिल्ली की हवा के लिए हानिकारक साबित हो रहे हैं।
दिल्ली में करीब 2 लाख बीएस-III पेट्रोल वाहन और 3 लाख बीएस-IV डीजल वाहन रजिस्टर्ड हैं। इन वाहनों के संचालन को रोककर सरकार वायु गुणवत्ता को सुधारने की कोशिश कर रही है।
आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर छूट
दिल्ली सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस प्रतिबंध से रोजमर्रा की जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित न हो। इसलिए, जिन वाहनों का उपयोग आवश्यक वस्तुओं को ढोने के लिए किया जाता है, उन्हें इस नियम से छूट दी गई है।
हालांकि, दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड बीएस-III और बीएस-IV वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। ये वाहन अब दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।
नियम उल्लंघन पर भारी जुर्माना
दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति इन प्रतिबंधों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194(1) के तहत नियम तोड़ने वालों पर ₹20,000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
सरकार का कहना है कि यह सख्ती जरूरी है ताकि लोग नियमों का पालन करें और दिल्ली को इस गंभीर प्रदूषण संकट से बाहर निकाला जा सके।