उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू (Neonatal Intensive Care Unit) में शुक्रवार रात हुए भीषण अग्निकांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस दर्दनाक घटना में 10 नवजात शिशुओं की जान चली गई, जो कि एनआईसीयू में इन्क्यूबेटर में रखे गए थे। यह हादसा रात करीब 10 बजे हुआ, जब ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग की वजह से विस्फोट हुआ और पूरे वार्ड में आग फैल गई। इस घटना ने न केवल अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी याद दिलाया है कि एनआईसीयू जैसे महत्वपूर्ण वार्डों में अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता क्यों है।
एनआईसीयू और इनक्यूबेटर का महत्व
नवजातों की खास जरूरतें
नवजात शिशुओं, विशेष रूप से समय से पहले जन्मे (प्रीमैच्योर) शिशुओं, को ऐसा माहौल चाहिए होता है जो उनके स्वास्थ्य और विकास के लिए सुरक्षित हो। मां के गर्भ में शिशुओं को स्थिर तापमान, पर्याप्त ऑक्सीजन और संरक्षित वातावरण मिलता है। समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं का शरीर इस वातावरण के बिना संघर्ष करता है, इसलिए उन्हें कृत्रिम रूप से ऐसा माहौल प्रदान करना जरूरी होता है।
इनक्यूबेटर
इनक्यूबेटर एक ऐसा उपकरण है, जो नवजात शिशुओं को एक स्थिर, नियंत्रित वातावरण देता है। यह उपकरण तापमान, ऑक्सीजन, नमी और प्रकाश को सही स्तर पर बनाए रखता है। यह शिशु के आसपास से संक्रमण, अत्यधिक शोर और एलर्जी पैदा करने वाले कारकों को दूर रखता है।
इन्क्यूबेटर विशेष रूप से उन शिशुओं के लिए उपयोगी है जिनके फेफड़े, दिल, और अन्य महत्वपूर्ण अंग अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुए हैं। यह उपकरण न केवल शिशु की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि उसकी निगरानी में भी मदद करता है, जिससे डॉक्टर और नर्स शिशु की स्थिति पर लगातार नजर रख सकते हैं।
नवजातों की देखभाल के लिए विशेष वार्ड
एनआईसीयू क्या है?
एनआईसीयू (NICU) या नवजात गहन देखभाल इकाई एक ऐसा विशेष वार्ड होता है, जहां समय से पहले जन्मे, जन्म के समय बीमार, या किसी गंभीर समस्या से जूझ रहे नवजात शिशुओं को रखा जाता है।
एनआईसीयू में क्या सुविधाएं होती हैं?
एनआईसीयू में तापमान नियंत्रण वाले इनक्यूबेटर, शिशुओं की स्वास्थ्य निगरानी के उपकरण और जरूरी दवाइयां देने की व्यवस्था होती है। इसके अलावा, यहां स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे नवजातों को उचित देखभाल और उपचार दे सकें।
झांसी अग्निकांड में कैसे लगी आग?
अस्पताल प्रशासन के अनुसार, एनआईसीयू वार्ड में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग हुई, जिससे विस्फोट हुआ। विस्फोट के बाद पूरे वार्ड में आग फैल गई, जिससे वहां रखे 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई।
वार्ड में क्या खामियां थीं?
- अग्निशमन उपकरणों की कमी: एनआईसीयू में मौजूद फायर सेफ्टी उपकरण या तो ठीक से काम नहीं कर रहे थे या उपलब्ध ही नहीं थे।
- तुरंत कार्रवाई में देरी: स्टाफ आग बुझाने या शिशुओं को तुरंत बचाने में विफल रहा।
- अत्यधिक संवेदनशील उपकरण: ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसे उपकरणों की समय पर जांच और रखरखाव नहीं किया गया था।
Incubator तीन प्रकार के होते है
1. ओपन इनक्यूबेटर
ओपन इनक्यूबेटर का मुख्य उद्देश्य शिशु को आवश्यक तापमान प्रदान करना है। इसमें ऊष्मा का आदान-प्रदान खुली हवा में होता है।
2. क्लोज्ड इनक्यूबेटर
यह उन्नत प्रकार का इनक्यूबेटर है, जिसमें शिशु को पूरी तरह बंद और नियंत्रित वातावरण में रखा जाता है। यह शिशु को बाहरी संक्रमण और धूल से बचाता है।
3. ट्रांसपोर्ट इनक्यूबेटर
यह विशेष रूप से तब उपयोगी होता है, जब शिशु को अस्पताल के भीतर या बाहर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना हो। यह शिशु के स्वास्थ्य को बनाए रखते हुए सुरक्षित ट्रांसपोर्टेशन सुनिश्चित करता है।