उत्तर प्रदेश में खेती की जमीन पर निर्माण को लेकर हाल ही में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। सरकार ने अवैध निर्माणों पर रोक लगाने और जमीन का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियम लागू किए हैं। अब, कोई भी व्यक्ति खेती के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जमीन पर बिना अनुमति के निर्माण नहीं कर सकता। यह कदम भू-माफियाओं की गतिविधियों को रोकने और भूमि संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
खेती की जमीन पर निर्माण के लिए NOC क्यों जरूरी है?
उत्तर प्रदेश सरकार ने देखा कि शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में खेती की जमीन पर तेजी से अवैध निर्माण हो रहे हैं। इससे न केवल भूमि की उपजाऊ क्षमता घट रही थी, बल्कि अव्यवस्थित विकास भी बढ़ रहा था। अब, यदि किसी को खेती की जमीन पर मकान, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, या किसी अन्य प्रकार का निर्माण करवाना है, तो उन्हें पहले प्रशासन से NOC (No Objection Certificate) प्राप्त करना होगा।
यह आदेश खासतौर पर उन क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण है जहां जमीनों का उपयोग बदलकर रिहायशी या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है।
NOC कैसे प्राप्त करें?
खेती की जमीन पर निर्माण के लिए NOC प्राप्त करने की प्रक्रिया निम्न प्रकार है:
- NOC के लिए आपको पहले अपने जिले के संबंधित विकास प्राधिकरण में आवेदन करना होगा।
- आवेदन के साथ जमीन से जुड़े सभी दस्तावेज, जैसे खसरा नंबर, भू-अभिलेख, और प्रस्तावित निर्माण का नक्शा जमा करना अनिवार्य है।
- विकास प्राधिकरण से मंजूरी मिलने के बाद, जिलाधिकारी और मंडलायुक्त से निर्माण की अनुमति लेनी होगी।
- NOC मिलने के बाद भी निर्माण शुरू करने से पहले प्रशासन द्वारा स्थल निरीक्षण किया जाएगा।
इस नीति का मुख्य उद्देश्य भू-माफियाओं द्वारा अवैध निर्माण को रोकना और खेती की जमीन का दुरुपयोग कम करना है। इससे सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि भूमि का सही उपयोग हो और कृषि के लिए उपयुक्त भूमि संरक्षित रहे।