केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक नई राहत भरी खबर आ रही है। 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) में फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है, जिससे कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में बड़ा बदलाव हो सकता है। फिटमेंट फैक्टर वह मानक है जिसके जरिए सैलरी और पेंशन को कैलकुलेट किया जाता है। वर्तमान में यह 2.57 गुना है, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, इसे 8वें वेतन आयोग में बढ़ाकर 2.86 गुना किया जा सकता है।
नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) के सचिव (कर्मचारी पक्ष) शिव गोपाल मिश्रा ने इस बदलाव के संकेत दिए हैं।
संभावित बदलाव की मुख्य जानकारी
वर्तमान फिटमेंट फैक्टर | 2.57 गुना |
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संभावित नया फिटमेंट फैक्टर | 2.86 गुना |
आखिरी वेतन आयोग का गठन | 2014 |
अगला वेतन आयोग (संभावित) | 2024-2025 |
शिव गोपाल मिश्रा का बयान
एक समाचार चैनल से बातचीत में शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि फिटमेंट फैक्टर में बदलाव की तैयारी हो रही है। उनका कहना था,
“हम कम से कम 2.86 के फिटमेंट फैक्टर पर विचार कर रहे हैं। यह संशोधन 10 साल में केवल एक बार होता है और 8वें वेतन आयोग के गठन के बाद हम इसे लागू करने की मांग करेंगे।”
क्या है फिटमेंट फैक्टर और इसका महत्व?
फिटमेंट फैक्टर का सीधा संबंध कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन से है। यह एक गुणांक है, जिससे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी को गुणा करके कुल सैलरी तय की जाती है। उदाहरण के लिए:
- अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 20,000 रुपये है, तो मौजूदा 2.57 फिटमेंट फैक्टर से उसकी कुल सैलरी होगी:
20,000 x 2.57 = 51,400 रुपये।
अगर इसे 8वें वेतन आयोग में बढ़ाकर 2.86 कर दिया जाता है, तो यही सैलरी बन जाएगी:
20,000 x 2.86 = 57,200 रुपये।
फिटमेंट फैक्टर बढ़ने से क्या होगा फायदा?
- सैलरी में सीधा इजाफा: फिटमेंट फैक्टर बढ़ने से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
- पेंशन लाभ: रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन भी बढ़ जाएगी।
- जीवन स्तर में सुधार: बढ़ी हुई सैलरी और पेंशन से कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।
8वें वेतन आयोग के गठन पर क्या है स्थिति?
अभी तक 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन यह अनुमान है कि इसे 2024 या 2025 में लागू किया जा सकता है।
आमतौर पर, हर 10 साल में एक बार नया वेतन आयोग गठित होता है। 7वां वेतन आयोग 2014 में गठित हुआ था और 1 जनवरी 2016 से इसे लागू किया गया था।
7वें वेतन आयोग की सिफारिशें और उनका असर
- 7वें वेतन आयोग ने 2.57 फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश की थी।
- इससे कर्मचारियों की सैलरी में 14-16% का इजाफा हुआ था।
- अब, 8वें वेतन आयोग के जरिए इसी फिटमेंट फैक्टर को 2.86 करने की बात हो रही है।
कर्मचारियों की मांग और संभावित असर
केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनके अनुसार, बढ़ती महंगाई और जीवन यापन की लागत को देखते हुए सैलरी में सुधार बेहद जरूरी है। अगर यह बदलाव लागू होता है, तो यह लगभग 11-12% का अतिरिक्त लाभ देगा।