हर साल ठंड की शुरुआत के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है। इस साल भी ठंड के बढ़ने और हवाओं की रफ्तार कम होने के कारण राजधानी की हवा में प्रदूषण और स्मॉग का असर साफ नजर आ रहा है। दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का स्तर 400 के पार जा चुका है, जिससे कई इलाकों में हवा सांस लेने लायक नहीं रही।
पराली जलाने पर सख्त हुए नियम
प्रदूषण की इस गंभीर स्थिति के पीछे एक मुख्य कारण पराली जलाने का भी है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में हर साल फसलों की कटाई के बाद पराली जलाई जाती है, जिससे दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में भारी गिरावट आती है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने पराली जलाने पर लगने वाले जुर्माने की राशि को दोगुना कर दिया है। नए नियमों के तहत, अगर किसी किसान के पास 2 एकड़ से कम भूमि है और वह पराली जलाता है, तो उस पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। वहीं, 2-5 एकड़ के बीच की जमीन वाले किसानों को 10,000 रुपये और 5 एकड़ से अधिक जमीन वाले किसानों पर 30,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती और केंद्र सरकार का कदम
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण में असफल रहने पर राज्य सरकारों को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने राज्य सरकारों से पराली जलाने के मामलों को सख्ती से रोकने के निर्देश दिए थे। इस कदम के बाद ही केंद्र सरकार ने जुर्माने की राशि को बढ़ाने का फैसला लिया, ताकि किसान पराली जलाने से परहेज करें और प्रदूषण को कम किया जा सके। यह कदम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम 2021 के तहत लागू किया गया है।
दिल्ली में एक्यूआई 400 के पार, बढ़ सकती है समस्या
राजधानी दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में एक्यूआई 400 के पार जा चुका है, जिससे लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अलीपुर में 386, आनंद विहार में 426, आशोक विहार में 417, और बवाना में 411 के स्तर पर एक्यूआई दर्ज किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में प्रदूषण के स्तर में और वृद्धि हो सकती है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
दिल्ली-एनसीआर में रह रहे लोगों को सलाह दी जाती है कि वे इस समय घर के अंदर रहें, बाहर जाते समय मास्क पहनें और बच्चों व बुजुर्गों को विशेष ध्यान दें।