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Tenant Rights: 1 साल में इससे ज्यादा किराया नहीं बढ़ा पाएगा मकान मालिक, कानून के तहत होंगे अब सारे काम

सरकार ने मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए नए कानून बनाए हैं, जो किराये में अनुचित बढ़ोतरी और अन्य समस्याओं को रोकते हैं। ये प्रावधान किरायेदारों को सुरक्षा और अधिकार देते हैं, जिससे वे बेहतर और सुरक्षित तरीके से रह सकें।

By PMS News
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Tenant Rights: 1 साल में इससे ज्यादा किराया नहीं बढ़ा पाएगा मकान मालिक, कानून के तहत होंगे अब सारे काम
Increasing rights for tenants

Tenant Rights: आजकल शहरीकरण के चलते बहुत से लोग गांवों से शहरों की ओर रुख कर रहे हैं। नौकरी और व्यवसाय के चलते अधिकतर लोग अपने गांव-घर छोड़कर बड़े शहरों में किराये के मकान में रहने लगते हैं। परंतु, किराये की बढ़ोतरी और मकान मालिक की मनमानी जैसी समस्याएं भी अक्सर सामने आती हैं। इसी कारण सरकार ने मकान मालिकों और किरायेदारों के हित में कुछ नए कानून बनाए हैं। ये कानून मकान मालिकों द्वारा की जाने वाली अनुचित किराया बढ़ोतरी और अन्य समस्याओं को रोकने के उद्देश्य से बनाए गए हैं।

मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच समस्याएं

किराये के मकान में रहने वाले लोगों को अक्सर कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे किराये में मनमानी बढ़ोतरी, समय से पहले खाली करने का दबाव और सुरक्षा संबंधी चिंताएं। यह स्थिति खासकर दिल्ली, महाराष्ट्र, और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में गंभीर है, जहां लाखों लोग किराये पर रहते हैं। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए सरकार ने किरायेदारों के हितों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाए हैं, जो मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच संतुलन बनाए रखने में सहायक हैं।

महाराष्ट्र का किराया नियंत्रण कानून

महाराष्ट्र में किरायेदारों के अधिकारों की रक्षा के लिए महाराष्ट्र रेंट कंट्रोल एक्ट लागू है। इस कानून के अनुसार, मकान मालिक प्रत्येक वर्ष केवल 4% तक किराये में बढ़ोतरी कर सकता है। यदि मकान मालिक अपने मकान की मरम्मत करवाता है और उस पर खर्च आता है, तो वह किराये में केवल 15% तक की बढ़ोतरी कर सकता है। इसके अलावा, यदि मकान पर लगने वाले टैक्स में वृद्धि होती है, तब मकान मालिक किराये में सालाना वृद्धि कर सकता है। लेकिन यह बढ़ोतरी केवल टैक्स के अनुसार होगी, जिससे किरायेदारों पर ज्यादा बोझ न पड़े।

दिल्ली में किराये पर नए नियम

दिल्ली में रेंट कंट्रोल एक्ट 2009 लागू है, जो मकान मालिकों को किराये में अनुचित बढ़ोतरी से रोकता है। इस कानून के अनुसार, मकान मालिक किराये में हर साल केवल 7% तक ही बढ़ोतरी कर सकता है। इस कानून में एक और बात स्पष्ट की गई है कि अगर किरायेदार एक ही जगह लंबे समय से रह रहा है, तो मकान मालिक अचानक बहुत ज्यादा किराया नहीं बढ़ा सकता। नई जगह किराये पर देने पर किराये की राशि में थोड़ी बढ़ोतरी की जा सकती है, लेकिन यह भी एक सीमा में होनी चाहिए। खासकर छात्रावास, बेडिंग स्कूल, और बोर्डिंग हाउस जैसी जगहों पर किराया बढ़ोतरी पर विशेष नियंत्रण रखा गया है, ताकि छात्रों को अचानक बढ़े किराये का सामना न करना पड़े।

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उत्तर प्रदेश में किराये के नए प्रावधान

उत्तर प्रदेश में सरकार ने “उत्तर प्रदेश नगरीय किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021” लागू किया है। इसके तहत, मकान मालिक हर साल आवासीय भवनों का किराया 5% तक और गैर आवासीय भवनों का किराया 7% तक बढ़ा सकता है। यह वृद्धि चक्रवृद्धि प्रणाली पर आधारित होगी, ताकि किरायेदारों को सालाना छोटे-छोटे हिस्सों में किराया वृद्धि का सामना करना पड़े और उन पर एक बार में ज्यादा बोझ न पड़े। इस कानून के अनुसार, किरायेदार को किराया देने में अधिकतम दो महीने की छूट दी जाती है, ताकि किरायेदार समय पर किराया दे सके और उसे तुरंत खाली करने का दबाव न हो।

किरायेदारों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सरकार के कदम

सरकार द्वारा बनाए गए ये नए कानून मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। इन प्रावधानों से किरायेदारों को राहत मिलेगी और मकान मालिकों को भी नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। किरायेदारों को अपने अधिकारों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है, ताकि वे किसी भी तरह की समस्या या अनुचित बढ़ोतरी का सामना करते समय अपनी स्थिति मजबूती से रख सकें।

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