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7th Pay Commission: क्या बेसिक सैलरी में मर्ज हो जाएगा 53% डीए… आया ये बड़ा अपडेट!

केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में वृद्धि के बाद, DA को मूल वेतन में मर्ज करने की अटकलें शुरू हो गईं। हालांकि, सरकार ने इन अटकलों को खारिज कर दिया है और इस विषय पर स्थिति स्पष्ट की है।

By PMS News
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7th Pay Commission: क्या बेसिक सैलरी में मर्ज हो जाएगा 53% डीए... आया ये बड़ा अपडेट!
7th Pay Commission

7th Pay Commission: हाल ही में केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में 3% की वृद्धि की घोषणा की, जिससे कर्मचारियों का DA अब 50% से बढ़कर 53% हो गया है। इस बढ़ोतरी से कर्मचारियों को कुछ राहत तो मिली है, लेकिन इसके साथ ही यह चर्चा भी तेज हो गई कि क्या इस बढ़े हुए DA को बेसिक सैलरी में मर्ज किया जाएगा। कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच इसको लेकर काफ़ी सवाल उठ रहे हैं। इस विषय पर अब तक सरकार ने क्या निर्णय लिया है और विशेषज्ञों की क्या राय है, आइए इसे विस्तार में समझते हैं।

DA को मर्ज करने की चर्चा क्यों हुई?

DA को बेसिक सैलरी में मर्ज करने का विचार नया नहीं है। पांचवें वेतन आयोग के दौरान यह सुझाव दिया गया था कि यदि महंगाई भत्ता 50% से अधिक हो जाए, तो इसे बेसिक सैलरी में जोड़ दिया जाना चाहिए। इस सुझाव का उद्देश्य सैलरी स्ट्रक्चर को सरल बनाना था और कर्मचारियों को DA में बार-बार होने वाली वृद्धि से राहत दिलाना था। लेकिन यह सिर्फ एक सुझाव था और इसे बाद के छठे और सातवें वेतन आयोगों में लागू नहीं किया गया।

हाल ही में DA 50% से अधिक हो जाने के बाद एक बार फिर से यह चर्चा हो रही है कि क्या इसे बेसिक सैलरी में मर्ज किया जाएगा। लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया है कि DA को बेसिक सैलरी में मर्ज करने की कोई योजना नहीं है। इस बारे में केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि वे वेतन आयोग के पिछले निर्णयों के अनुसार ही आगे बढ़ रहे हैं और DA को बेसिक सैलरी में मर्ज करने की संभावना पर विचार नहीं कर रहे हैं।

विशेषज्ञों की राय क्या है?

इस मुद्दे पर कानूनी और आर्थिक विशेषज्ञों की अलग-अलग राय हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि DA को बेसिक सैलरी में मर्ज करने से सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव हो सकता है और यह जटिलताओं को बढ़ा सकता है।

करंजावाला एंड कंपनी के प्रिंसिपल एसोसिएट और सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड विशाल गेहराना के अनुसार, DA मर्जिंग का विचार पांचवें वेतन आयोग के समय ही सामने आया था। इसका उद्देश्य सैलरी को अधिक संगठित और सरल बनाना था, ताकि भविष्य में बार-बार DA बढ़ाने की जरूरत न पड़े। लेकिन बाद में इसे लागू नहीं किया गया और छठे व सातवें वेतन आयोगों ने भी इसे शामिल नहीं किया। इसी वजह से DA मर्जिंग की संभावना पर अब अधिक चर्चा नहीं हो रही है।

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इंडसलॉ की पार्टनर देबजानी ऐच का मानना है कि DA को बेसिक सैलरी में मर्ज करना फिलहाल सिर्फ एक अटकल है। लूथरा एंड लूथरा लॉ ऑफिस के पार्टनर संजीव कुमार ने भी कहा कि सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट में DA मर्जिंग का कोई जिक्र नहीं था।

DA और DR में वृद्धि का समय कब होता है?

केंद्र सरकार हर साल केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत भत्ते (DR) में दो बार संशोधन करती है। यह संशोधन साल के मार्च और सितंबर-अक्टूबर महीने में होता है, और यह क्रमशः जनवरी और जुलाई से प्रभावी होता है।

इस प्रक्रिया के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को एरियर के साथ वेतन मिलता है, जिससे उन्हें महंगाई के असर को संभालने में मदद मिलती है। महंगाई भत्ते में अगली वृद्धि की घोषणा मार्च 2025 में होली के त्योहार से पहले की जा सकती है, और यह जनवरी 2025 से प्रभावी हो सकती है।

इस बार के DA संशोधन के पीछे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) और महंगाई दर की गणना का विशेष ध्यान रखा गया है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों की जीवनयापन की लागत को कवर किया जा सके।

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