
भारत में रहने वाले नागरिकों के लिए राहत की खबर है, देश के 6 सरकारी बैंकों ने सेविंग अकाउंट (Saving Account) में मिनिमम बैलेंस (Minimum Balance) रखने की लिमिट को खत्म कर दिया है। जिसका मतलब है, कि अगर आपके अकाउंट में हर महीने एक लिमिटिड बैलेंस नहीं भी रहता है, तो आपको किसी भी प्रकार की पेनल्टी नहीं देनी होगी। इसके अलावा यह नियम खासतौर पर छोटे शहरों और गांवों के लोगों के लिए राहत भरी खबर है।
Union Bank of India ने दी तिमाही राहत
Union Bank of India ने घोषणा की है कि सितंबर 2025 की तिमाही से उसके सभी सामान्य सेविंग अकाउंट्स पर मिनिमम बैलेंस न रखने पर कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। यानी ग्राहक यदि तय औसत बैलेंस से कम राशि भी खाते में रखते हैं, तो उन्हें किसी प्रकार की पेनल्टी नहीं झेलनी होगी। बैंक की ओर से जारी प्रेस रिलीज में यह बदलाव ग्राहकों की सुविधा के लिए बताया गया है।
Bank of Baroda ने 1 जुलाई से हटाया चार्ज
Bank of Baroda ने भी अपने सभी स्टैंडर्ड सेविंग अकाउंट होल्डर्स के लिए 1 जुलाई 2025 से न्यूनतम बैलेंस की शर्त को समाप्त कर दिया है। हालांकि, यह छूट केवल सामान्य सेविंग अकाउंट्स पर ही लागू होगी। प्रीमियम सेविंग अकाउंट या विशेष स्कीम्स पर यह नियम नहीं लागू होगा। यह निर्णय बैंक के व्यापक ग्राहक आधार को देखते हुए लिया गया है।
Indian Bank ने 7 जुलाई से लागू किया नया नियम
Indian Bank ने 7 जुलाई 2025 से सभी सेविंग अकाउंट्स के लिए मिनिमम बैलेंस चार्ज को पूरी तरह समाप्त कर दिया है। यह निर्णय बैंक के डिजिटल और ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते ग्राहकों को ध्यान में रखकर लिया गया है। अब ग्राहकों को AMB (Average Monthly Balance) की चिंता से मुक्ति मिल गई है।
Canara Bank ने पहले ही लागू कर दिया था बदलाव
Canara Bank ने मई 2025 में ही यह सुविधा लागू कर दी थी। अब इसके तहत न केवल रेगुलर सेविंग अकाउंट, बल्कि सैलरी अकाउंट और NRI सेविंग अकाउंट्स पर भी मिनिमम बैलेंस न रखने पर कोई चार्ज नहीं लगेगा। बैंक का मानना है कि इससे ग्राहकों की बैंकिंग एक्सेसिबिलिटी और संतुष्टि दोनों बढ़ेगी।
SBI कई सालों से आगे रहा इस मामले में
State Bank of India (SBI) ने इस दिशा में पहले ही पहल कर दी थी। साल 2020 से ही SBI ने अपने सभी सेविंग अकाउंट्स पर मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था। यानी SBI खाताधारकों को पिछले कई वर्षों से इस सुविधा का लाभ मिल रहा है। इस कदम की शुरुआत सबसे पहले इसी बैंक ने की थी और अब बाकी बैंक भी उसी राह पर चल पड़े हैं।
यह भी पढ़ें-Income Tax Calculation: कितनी इनकम पर लगेगा कितना टैक्स? घर बैठे ऐसे करें खुद कैलकुलेशन
Bank of India ने भी दी बड़ी राहत
Bank of India ने हाल ही में यह ऐलान किया कि अब उसके सेविंग अकाउंट धारकों को भी न्यूनतम औसत बैलेंस न रखने पर किसी भी प्रकार का चार्ज नहीं देना होगा। बैंक ने कहा है कि इस कदम से ग्राहकों को फाइनेंशियल फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी और उनकी बैंकिंग जरूरतें बिना किसी तनाव के पूरी हो सकेंगी।
क्या होता है AMB (Average Monthly Balance)?
AMB यानी Average Monthly Balance वह औसत राशि होती है जो आपको अपने सेविंग अकाउंट में एक महीने के दौरान बनाए रखनी होती है। यदि आपका बैलेंस उस तय सीमा से नीचे चला जाता है, तो बैंक पहले पेनल्टी लगाते थे। विभिन्न बैंकों में यह राशि ₹500 से लेकर ₹5000 तक हो सकती थी, और पेनल्टी ₹10 से ₹600 तक लगाई जाती थी। लेकिन अब कई बड़े सरकारी बैंकों ने इस प्रणाली को समाप्त कर दिया है।
किसे मिलेगा इस बदलाव का सबसे अधिक लाभ?
यह बदलाव विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो ग्रामीण या अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहते हैं, जिनकी आय सीमित है या जो किसी कारणवश हर महीने निर्धारित बैलेंस नहीं रख पाते। स्टूडेंट्स, पेंशनर्स, फ्रीलांस वर्कर्स और लो इनकम ग्रुप के लोग इस निर्णय से सबसे ज्यादा लाभांवित होंगे। अब उन्हें बैंकिंग सेवाओं का फायदा बिना किसी पेनल्टी के मिलेगा।
डिजिटल बैंकिंग और फाइनेंशियल इनक्लूजन को मिलेगा बढ़ावा
सरकारी बैंकों द्वारा उठाया गया यह कदम देश में फाइनेंशियल इनक्लूजन को और अधिक गति देगा। जब ग्राहकों पर बैलेंस बनाए रखने का दबाव नहीं होगा, तो वे अधिक सहजता से सेविंग अकाउंट खुलवाने और इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित होंगे। साथ ही, डिजिटल बैंकिंग की ओर बढ़ते कदमों में भी यह निर्णय सहयोगी साबित हो सकता है।