भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने प्रयागराज से आजमगढ़ होते हुए गोरखपुर तक 149 किलोमीटर लंबे हाईवे को फोर-लेन बनाने की योजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना के लिए 4045 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के तहत यह निर्माण उत्तर प्रदेश के सड़क नेटवर्क को विश्वस्तरीय और अधिक कुशल बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
ट्रैफिक जाम की समस्या से मिलेगी राहत
फिलहाल यह हाईवे दो-लेन का है, जिस पर वाहनों की अधिक संख्या के कारण ट्रैफिक जाम (Traffic Jam) आम समस्या बन चुकी है। फोर-लेन बनने के बाद यात्रा में आसानी होगी और समय की बचत होगी। हाईवे पर वाहनों का लोड संतुलित होने से ट्रैफिक जाम की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।
बनारस के लिए नया और सुगम मार्ग
यह फोर-लेन हाईवे न केवल प्रयागराज-जौनपुर-आजमगढ़ को बेहतर तरीके से जोड़ेगा, बल्कि बनारस के लिए भी एक नया मार्ग प्रदान करेगा। इससे गोपीगंज और हंडिया सिक्स-लेन पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा।
परियोजना की लागत और संरचना
इस परियोजना की कुल लागत 4045 करोड़ रुपये है, जिसमें से 2834 करोड़ रुपये निर्माण कार्य पर और 1211 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च किए जाएंगे। परियोजना के तहत आजमगढ़ और दोहरीघाट के बीच ग्रीनफील्ड सड़क (Greenfield Road) का निर्माण किया जाएगा।
हाईवे की आधुनिक विशेषताएं
फोर-लेन हाईवे के निर्माण में निम्नलिखित आधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी:
- चार रेलवे ओवरब्रिज
- तीन इंटरचेंज
- तीन टोल प्लाजा
- दो रेस्ट एरिया
- पांच मध्यम ब्रिज
- ग्यारह छोटे ब्रिज
क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार
यह हाईवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (Purvanchal Expressway) सहित अन्य महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ेगा। इनमें एनएच-19, एनएच-31, एनएच-731 और एनएच-135-ए जैसे राजमार्ग शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, जौनपुर और फूलपुर से मुंगराबादशाहपुर के बीच एक नया बाईपास भी बनाया जाएगा, जिससे यात्रियों को और अधिक सुविधा मिलेगी।
पर्यावरण के प्रति संवेदनशील निर्माण
पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए आजमगढ़ और दोहरीघाट के बीच ग्रीनफील्ड सड़क का निर्माण किया जाएगा। इस पहल से प्रदूषण में कमी आएगी और यह सड़क पर्यावरण के अनुकूल होगी।
सड़क सुरक्षा पर विशेष ध्यान
NHAI ने सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। कोहरे और ठंड के मौसम में हादसों को रोकने के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। घुमावदार रास्तों पर संकेतक लगाए जा रहे हैं और वाहन चालकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
क्षेत्रीय विकास को गति
यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार करेगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी गति प्रदान करेगी। उत्तर प्रदेश में व्यापार, रोजगार और पर्यटन के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध कराएगी।